रेखा हुआ है, जिसमें केवल लंबाई हो, चौड़ाई और मोटाई ना हो।
एक रेखा में असंख्य बिंदु होते हैं।
एक रेखा में कम से कम 2 बिंदु अवश्य होंगे।
दो भिन्न-भिन्न दिखाएं अधिक से अधिक एक बिंदु पर काटते हैं।
दो बिंदुओं से एक और केवल एक रेखा गुजरती है।
सरल रेखा
वह रेखा, जो एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक बिना बदले जाती है, सरल रेखा कहलाती है।
यहां AB एक सरल रेखा है।
वक्र रेखा
वह रेखा, जो एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक टेढ़ी-मेढ़ी दिशा में बदलती हुई जाती है, वक्र रेखा कहलाती है।
सांगामी रेखा
जब दो या दो से अधिक रेखाएं किसी एक बिंदु से आती हैं। तो उन रेखाओं को संग्रामी रेखा कहते हैं। चित्र में 🆎, CD तथा EF रेखाएं बिंदु O से होकर जा रही है, इसलिए तीनो रेखाएं संग्रामी रेखाएं हैं।
समांतर रेखाएं
जब दो रेखाओं के बीच की दूरी सदा बराबर होती है। तो उन दोनों रेखाओं को समांतर रेखा कहते हैं। चित्र में एबी और r.s. रेखाएं समांतर हैं।
तिर्यक रेखा
वह रेखा जो दो या दो से अधिक रेखाओं को काटे तिर्यक रेखा कहलाती है। चित्र में एबीपी देख देखा है।