समांतर चतुर्भुज की परिभाषा
प्रथम: परिभाषा
आसान समांतर चतुर्भुज की परिभाषा कुछ इस प्रकार हो सकती है| “चार भुजाओ से घिरी वह आकृति जिसके आमने सामने की भुजाये सामान और समान्तर होती है।”
द्वतीय परिभाषा
द्वितीय समांतर चतुर्भुज की परिभाषा कुछ इस प्रकार हो सकती है| “चार भुजाओं से गिरी वह आकृति, जिसमें सम्मुख भुजाएं अर्थात आमने-सामने की भुजाएं बराबर और समांतर होते है इसके सम्मुख कोण भी बराबर होते हैं।”
समांतर चतुर्भुज के गुणधर्म

सम्मुख भुजाएं बराबर होती है।
सम्मुख कोण बराबर होते है।
समांतर चतुर्भुज के गुणधर्म के गुणधर्म की बात की जाये जो निम्न क्रम में दर्शाया गया है| जो बहुत ही महत्वपूर्ण है| जिसे दो भागो में समझाया गया है|
- इसके आमने सामने की भुजा बराबर और समांतर होती है|
- इस चतुर्भुज में बने एकांतर कोण बराबर होते हैं|
- इसके विकर्ण समांतर चतुर्भुज के क्षेत्रफल को बराबर भागों में बांटता है|
- इसके विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं|
- इस चतुर्भुज में अन्य चतुर्भुज की तरह दो विकर्ण होते हैं| लेकिन यह विकर्ण आपस में समान नहीं होते अर्थात इनकी लम्बाई आपस में बराबर नहीं होती|

जैसा कि उपरोक्त चित्र में दो विकर्ण d1 और d2 है जिनकी लंबाई है आपस में बराबर नहीं है|
- समांतर चतुर्भुज के विकर्ण के प्रतिछेद बिंदु पर 90 अंश का कोण नहीं बनता है|

जैसा कि उपरोक्त चित्र में दिखाया गया है समांतर चतुर्भुज के दो विकर्ण d1 और d2 है| जो एक दूसरे को o बिंदु पर प्रतिछेद करते हैं|
∠AOB ≠ ∠BOC ≠ ∠COD ≠ ∠DOC = 90०
7. समांतर चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को सद्विभाजित करते हैं|
AO = OC = d2 / 2
BO = OD = d1 / 2
AO ≠ OD
BO ≠ OC
- समांतर चतुर्भुज के विकर्ण इसके क्षेत्रफल को दो बराबर भागों में बाटते है|
- समांतर चतुर्भुज के किसी एक विकर्ण से बने त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं|
- समांतर चतुर्भुज के दोनों विकर्ण से बने त्रिभुज के क्षेत्रफल बराबर होते हैं

🛆AOB = 🛆BOC = 🛆COD = 🛆DOA
- एक समांतर चतुर्भुज जिसके अंदर किसी भी स्थान पर एक बिंदु O है | यदि बिंदु A को से, B को O से, C को O से, D को O से मिला दिया जाए| तो इनसे बनने वाले चतुर्भुज के क्षेत्रफल (A1, A2, A3, A4) में निम्न संबंध होंगे|

- समांतर चतुर्भुज का विकर्ण इसके दो भुजाओं के मध्य बने कोणों को समद्विभाजित को नहीं करता है|

उपरोक्त चित्र में दिखाए गए चतुर्भुज विकर्ण के प्रतिछेद से बने कोण ∠DAC और ∠BAC आपस में बराबर नहीं होगे
समांतर चतुर्भुज का सूत्र
समांतर चतुर्भुज का परिमाप सूत्र
समांतर चतुर्भुज का परिमाप का सूत्र ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है|
2 x आसन्न भुजाओ का योग

समांतर चतुर्भुज का विकर्ण सूत्र
भुजा और विकर्ण में सम्बंध = (प्रथम विकर्ण )2 + (द्वितीय विकर्ण)2 = 2 x [(प्रथम भुजा)2 + (द्वितीय भुजा)2 ]
समांतर चतुर्भुज के क्षेत्रफल
चतुर्भुज के चारों भुजाओं से घिरा द्वीविमीय भाग ही चतुर्भुज का क्षेत्रफल है। जिसका छेत्रफल सूत्र निम्न है।

समांतर चतुर्भुज का छेत्रफल कैसे ज्ञात?
दोस्तों आपने समांतर चतुर्भुज की परिभाषा के बारे में पढ़ लिया आइए जानते हैं इसके क्षेत्रफल को कौन-कौन सी विधियों द्वारा ज्ञात किया जा सकता है। उपरोक्त चित्र में प्रदर्शीत किया गया है ।
इसकी चार भुजाएं AB, DC और DA, CB आपस में समांतर हैं यानि AB भुजा DC के समांतर है|और भुजा DA CB के समांतर है चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए
इस चतुर्भुज के आधार की लंबाई और इसकी लंबवत ऊंचाई के गुणनफल के बराबर होता है|
A= b\times h
जहाँ A क्षेत्रफल, b आधार और h उचाई है।
समांतर चतुर्भुज का परिमाप का सूत्र ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है|