पतंगाकार चतुर्भुज की परिभाषा
पतंगाकार चतुर्भुज की आसन भुजाएं बराबर होती है और विकर्ण लंबवत होते हैं|

गुणधर्म
1 .इसके आसन्न भुजाएं समान होती है| जैसा कि उपरोक्त चित्र में दिखाया गया है| चतुर्भुज ABCD में भुजा BC = CD और AB = AD हैं|
2 . इसके दोनों विकर्ण की लंबाई है समान नहीं होती है| विकर्ण AC ≠ AD
3 . इसकी भी विकर्ण एक दूसरे को समकोण पर काटते हैं|
4 . इसमे बने कोण ∠ABC = ADC लेकिन ∠BCD ≠ ∠BAD
5 . विकर्ण AC विकर्ण BD को बराबर भागो में बाटता है| रेखा BO = OD
6 . विकर्ण AC से बनने वाले त्रिभुज ABC और त्रिभुज ADC सर्वागसम होगे|
7 . विकर्ण AC इस को दो बराबर भागो में बाटता है|
8 . कोण ∠DBC = ∠CDB
9 . कोण ∠BCO = ∠BCA = ∠DCO = ∠DCA
10 . कोण ∠ABD = ∠ABO = ∠ADO = ∠ADB
11 . कोण ∠BAO = ∠DAO = ∠BAC = ∠DAC
पतंगाकार चतुर्भुज का परिमाप
चारो भुजाओ की लम्बाई का योगफल ही इस चतुर्भुज का परिमाप होगा|
परिमाप सूत्र
परिमाप = AB + BC + CD + DA = a + b + a + b
पतंगाकार चतुर्भुज का क्षेत्रफल
दोनों विकर्ण की लम्बाई के गुणनफल का आधा इस चतुर्भुज का क्षेत्रफल होता है|
क्षेत्रफल सूत्र
क्षेत्रफल का सूत्र = 12 x d1 x d2 = ab sinፀ
- इस चतुर्भुज की दो भुजाये a, b क्रमशः 5 cm और 6 cm है| तो परिमाप होगा?
हल – परिमाप सूत्र = 2(5+6) = 22 cm