
हम सभी कहते हैं कि हमारे पास एक सुंदर लिखित संविधान है केरल के मंत्री मत्स्य पालन एवं सांस्कृतिक मंत्री ने संविधान की बड़ी निंदा किया। एक सीएम कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस तरह का संविधान देश के सभी लोगों का शोषण करने में मदद कर रहा है मैं करूंगा इस तरह का संविधान जो 75 वर्ष से लागू किया जा रहा है
जिसमें धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र जैसे शब्द लिखे गए हैं ऐसा इसमें स्पष्ट है कि मजदूर लोगों का शोषण किया जा रहा है जो मजदूरों का विरोध स्वीकार नहीं करता। मजदूरी मांगने पर कर्मचारियों की मारपीट सहनी पड़ती है
मैं करूंगा कि लोगों को लूटा जा रहा है यहां अंग्रेजों द्वारा तैयार और निर्देशित संविधान अपनाया गया है इससे देश की जो भी बोलूंगा उसकी सहमति नहीं होगी वहीं अंबानी और अडानी और जैसे करोड़ पतियों के पास इतना पैसा कहां से आता है वही आम आदमी की उसकी मेहनत के अतिरिक्त मूल्यों का का भी शोषण किया जा रहा है ऐसासंविधान किस तरह श्रेष्ठ है
मजदूर 8 घंटे की वजह 10.12 16, 20 घंटे का मेहनत करता है वह इसके बावजूद देश की समस्या का दोषी ठहराया जाता वेतन देरी से मिलने पर अदालत रुख करने पर का अदालत उनके सवाल पर प्रश्न करती है.
सीएम मंत्री साजी चेरियन की इस्तीफा की मांग
विरोधियों ने संस्कृत एवं मत्स्य पालन चेरियन के इस्तीफा की मांग की उन्होंने कहा कि साजी चेरियन संविधान की और अपनी ग्रहण शपथ का उल्लंघन किया है उस मंत्री राष्ट्रीय मंत्री को अपने कर्तव्य के प्रति
निष्ठा सच्ची आस्था रखनी चाहिए राज्यपाल ने इस भाषण को गंभीरता से संज्ञान किया उन्होंने भारत के
सम्मानित व्यक्ति जैसे बीआर अंबेडकर सहित संविधान के अन्य वास्तु कारों का अपमान किया उन्हें इस पद
से इस्तीफा देना चाहिए
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया मांग की मंत्री अपनी सरकार राजनीतिक आलोचना से ध्यान हटाने के लिए संविधान का इस्तेमाल किया सतीश ने कहा कि चेरियन के मन में यह विचार कहां से उत्पन्न हुआ कि संविधान मजदूरों का शोषण एवं विरोधी है क्या उन्हें संविधान की महानता का मूल्यांकन नहीं किया सतीश ने
कहा की अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया तो कानून रूप से आवाज उठाएगी सुरेंद्र ने कहा मंत्री की टिप्पणी अश्लील और गलत बताते हुए इस्तीफा की मांग की राज्यपाल ने कर्मचारियों के भाषण का विवरण मांगा केरल के उच्च न्यायालय पाशा ने भी कहा कि संविधान को अपमान कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी पाशा ने कहा कि मंत्री ने जो कहा किसी पढ़े लिखे व्यक्ति को के लिए अशोभनीय दंडनीय है।