ध्वनि तरंगों के प्रकार
ध्वनि तरंगे यांत्रिक तरंगे ही है। क्योकि ये किसी मध्यम मे संचारित हो सकती है। ध्वनि तरंगों को आवृत्ति के आधार पर तीन वर्गो मे बाटा गया है।
श्रव्य तरंगे
इन तरंगे को सुना जा सकता है। इन तरंगों की आवृत्ति 20 से 20,000 हर्ट्ज तक होती है।
अपश्रव्य तरंगे
इन तरंगों को स्पष्ट नही सुना जा सकता है। इन तरंगों की आवृत्ति 20 हर्ट्ज से कम होती है।
पराश्रव्य तरंगे
तरंगों को स्पष्ट नही सुना जा सकता है। इन तरंगों की आवृत्ति 20,000 हर्ट्ज से अधिक होती है। इन तरंगों को गठिया रोग तथा मस्तिष्क मे ट्युमर का पता लगाने मे किया जाता है। इन तरंगों से समुद्र की गहराई तथा समुद्र मे डूबी हुई चट्टानों, मछलियों तथा पंण्डूबी की स्थिति ज्ञात की जाती है।तथा पृथवी से उड़ते हैं जहाज की उचाई का पता लगाया जाता है।
1.अवश्रव्य तरंगों की आवृत्ति होती है? (NDA/NA 2011)
2.पराश्रव्य तरंगे वे तरंगे है, जिनकी आवृत्ति — (NDA/NA 2011)?
3.पराश्रव्य तरंगे मनुष्य द्वारा -?
4.पराश्रव्य तरंगों को किसने सबसे पहले सिटी बजाकर उत्पन्न किया था?
5.शिकार, परभक्षियो या बाधायो का पता लगाने के लिए चमगादड अथवा डोलफिं किस परी घटना का प्रयोग किया जाता है। ( SSC 2011)?
6.श्रव्य परिसर मे ध्वनि तरंगों की आवृत्ति क्या होती है? (RRB ASM/GG 2005)
गठिया रोग का पता लगाने के लिए निम्न मे से किस ध्वनि तरंगों का प्रयोग किया जाता है?
8.मस्तिष्क मे ट्युमर का पता लगाने के लिए किस ध्वनि तरंगों का प्रयोग किया जाता हैं?
जल के भौतिक और रासायनिक गुण भाग-1
भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल भाग-2
यांत्रिकी भाग-3
ध्वनि तरंगों की प्रकृति भाग-4