आदर्श गैस समीकरण का नियम || आदर्श गैस समीकरण पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न
आदर्श गैस समीकरण का नियम
- एक आदर्श गैस वह गैस है। जो निम्नलिखित गैस नियमों का पालन करती है।
- मानक ताप एवं दाब (0०C या 32F तथा 760mm दाब) की स्थिति में एक गैस के एक मोल का आयतन 22.4 होता है।
- यदि तापमान तथा गैस की मोल संख्या स्थिर रहे तो आयतन, दाब का व्युत्क्रम अनुपात होता है।
- यदि दाब तथा गैस की मूल संख्या स्थिर रहे तो आयतन परम ताप में परिवर्तन के समानुपाती होता है।
- यदि ताप एवं दाब स्थिर रहे तो गैस का आयतन गैस की मूल संख्या में परिवर्तन के समानुपाती होता है।
इस नियमों को एक सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है।
आदर्श गैस समीकरण
pV = nRT
जहां p = गैस का दाब
V = आयतन
T = परम ताप
n = मोल की संख्या
R = एक स्थिरांक है
आदर्श गैस समीकरण पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न
- किसी गैस का तापमान तथा गैस की मूल की संख्या स्थिर रहे तो उसका आयतन दाब के?
- समानुपातिक होगा।
- व्युत्क्रमानुपाती होगा।
- उपरोक्त में दोनों सही है।
- कोई भी विकल्प सही नहीं है।
- यदि किसी गैस का दाब तथा गैस की मोलो की संख्या स्थिर रहे तो आयतन परम ताप में परिवर्तन के
- समानुपातिक होगा।
- व्युत्क्रमानुपाती होगा।
- उपरोक्त में दोनों सही है।
- कोई भी विकल्प सही नहीं है।
- समानुपातिक होगा।
- व्युत्क्रमानुपाती होगा।
- उपरोक्त में दोनों सही है।
- कोई भी विकल्प सही नहीं है।
- आदर्श गैस समीकरण का सूत्र है?
- pV = nRT
- pT = nRV
- RT = npV
- VT = npR
- 1 ग्राम हाइड्रोजन का NTP पर आयतन कितना होगा|
- 11.2 lit
- 12.2 lit
- 13.2 lit
- 14.2 lit
आदर्श गैस समीकरण के सूत्र से,
PV = nRT
P = 1 वायुमंडल
T = 273K
V = ?
R = 0.0820 L atm K -1 mol-1
गैस के मूल की संख्या, n = गैस का भार/ गैस का अणुभार
= 1/2 = 0.5
आदर्श गैस समीकरण का मान रखने पर
V = 0.5×0.0820×273/1 = 11.2 lit