अयस्क क्या है?
वे खनिज जिससे शुद्ध धातु आसानी से प्राप्त किया जा सके अधिक मात्रा में उसे अयस्क कहते हैं।
अयस्क के प्रकार
अयस्कों के मूल रासायनिक प्रकार निम्नलिखित है-
1- ऑक्साइड
जैसे – बाक्साइड ( Al2O3 .2H20), मैग्नेटाइट (Fe3O4) क्यूप्राइट(Cu2O) आदि
2- कार्बोनेट
जैसे – सीडेराइट(FeCO3), लाइमस्टोन (CaCO3), मैग्नेसाइट (MgCO)
3-सल्फाइड
जैसे – आयरन पापराइट (FeSO2), सिल्वर ग्लांस (Ag2S),गैलना( Pbs)
4-हैइलाइट
जैसे- हान् सिल्वर( AgCl), कानेरलाइट( KCl.MgCl.6H2O), कायोलाइट (Na3AlF6)
आघात्री या मैट्रिक्स
अयस्क में मिट्टी के कण बालू, पत्थर छोटे-छोटे टुकड़े आदि अशुद्धियों के रूप में मिला होता है, जिसे आघात्री या मैट्रिक्स कहते हैं।
- अयस्क, कार्बन और चूना पत्थर के मिश्रण को घान कहते हैं।
गालक तथा धातुमल
वे रासायनिक पदार्थ जो अयस्क में उपस्थित अलगनी अशुद्धियों से क्रिया करके उन्हें गलनी पदार्थ में बदल देते हैं। उन्हें गालक कहते हैं, तथा गलनी पदार्थ धातु मल कहलाता है।
गालक के प्रकार
गालक दो प्रकार के होते हैं।
अम्लीय गालक
जो गालत क्षारीय अशुद्धियों को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। अम्लीय गालक कहलाता है।
जैसे- FeO + SiO2 ➡️ FeSiO3
क्षारीय गालक
वह गालत जो अम्लीय अशुद्धियों को दूर करने के लिए किया जाता है , क्षारीय गालक कहलाता है।
जैसे- CaCO3 + SiO2 ➡️ CaSiO3 + CO2
धातु कर्म
धातुओ को उनके अयस्क से शुद्ध रूप से प्राप्त करने की क्रिया को धातु कर्म कहते हैं।
धातु कर्म में निम्नलिखित पद प्रयोग होते हैं
अयस्क का पीसना
अयस्क के बड़े टुकड़ों को हथौड़े से पीटकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बदल दिया जाता है।
अयस्क का सांद्रण
अयस्क से अशुद्धियां दूर करने की प्रक्रिया आयुक्त अयस्क का सांद्रण या प्रसाधन कहलाता है।